Monday, 3 October 2016
9 देवियों से सीखें निवेश के 9 मंत्र नवरात्री के 9 दिन यानि, श्रद्धा, भक्ति, और पूजा के वो दिन जब आप माता की उपासना करके, उन्हे ना सिर्फ प्रसन्न करते है, बल्कि आपने जीवन में खुशहाली, समृद्धि, और शांती की प्राथर्ना भी करते हैं। योर मनी पर आज हम आपको नवरात्री की 9 माताओं की खुबियों के बारें में बताएंगें ताकि आप उनके जरिए अपनी आर्थिक जिंदगी के मूलमंत्र सिखें। आज हम फाइनेंशियल प्लानर गौरव मशरुवाला से जानेंगे 9 माताओं के 9 फाइंनेंशियल टिप्स। 1. शैलपुत्री- ताकत की प्रतीक मंत्र शैलपुत्री माता ताकत की प्रतीक है और पैसा ताकत है। और इसलिए इस ताकत का इस्तेमाल हमें बुद्धिमानी से करना चाहिए। पैसे का दुरुपयोग हानिकारक हो सकता है। 2. ब्रह्मचारिणी- अध्यात्म और ध्यान की प्रतीक मंत्र ब्रह्मचारिणी अध्यात्म और ध्यान की प्रतीक है। अध्यात्म यानि खुद के अंदर झांकने और खुद को जानने का तरीका है। जब हम खुद को जानेंगे तभी खुशियाली हासिल कर सकेंगे। इसलिए हम अपने वित्तीय लक्ष्य को जानें, खर्चों पर नजर रखें और पैसे से फायदा उठाएं, खुशियां हासिल करें। 3. चंद्रघंटा- साहस और हिम्मत की प्रतीक मंत्र चंद्रघंटा माता साहस और हिम्मत की प्रतीक है। साहसी व्यक्ति की विजय होती है। लेकिन पैसे के साथ भी साहस दिखाने की जरूरत है। चंद्रघंटा माता के जरिए हमें निवेश में डर को दूर भगाने और सिर्फ बैंक खातों या एफडी में पैसे ना रखने का संदेश दिया जाता है। साथ ही सोच-समझकर जोखिम उठाने और इक्विटी म्युचुअल फंड या सोने में निवेश करने का संदेश दिया जाता है। 4. कूष्मांडा- प्रकाश और शुभारंभ की प्रतीक मंत्र पूरे ब्रम्हांड में जो अंधक कार था वो इनकी एक मुस्कान के जरिए खत्म हो गया और एक नई शुरुआत हुई। यानि कूष्मांडा माता प्रकाश और शुभारंभ की प्रतिक है। इनसे हमें परिवार को पर्सनल फाइनेंस के बारे में जानकारी देने और उन्हें वित्तीय फैसलों में शामिल करने का संदेश मिलता है। अपने निवेश के बारे में परिवार के सदस्यों को अंधेरे में नहीं रखना चाहिए। पूरी जानकारी के साथ ही परिवार के सदस्य पैसे का बेहतर इस्तेमाल कर सकेंगे। 5. स्कंदमाता- विवेक और समृद्धि की प्रतीक मंत्र स्कंदमाता विवेक और समृद्धि की प्रतीक है। अमीर होने और समृद्ध होने में अंतर है। सिर्फ अमीर होने से अहंकार आता है और समृद्ध होने से पैसे की महत्ता समझ आती है। समाज के साथ अपने पैसे का इस्तेमाल करने से समृद्धि आती है। पैसे बढ़ने के साथ समाज के प्रति रवैये और व्यवहार में बदलाव नहीं आए यहीं संदेश स्कंदमाता के जरिए हमें मिलता है। 6. कात्यायनी- युद्ध की देवी कात्यायनी देवी युद्ध की देवी है। जीवन में हमें कई बार पैसे का संकट झेलना पड़ता है। पैसे का संकट यानि युद्ध जैसी स्थिति होती है। हमें एक सैनिक की तरह युद्ध से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए और आपातकालीन स्थिति के लिए फंड बनाना चाहिए। साथ ही हेल्थ, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी चाहिए। पूरी तैयारी रखने वाला सैनिक ही युद्ध में विजयी होता है। 7. कालरात्रि- अंधकार की प्रतीक मंत्र कालरात्रि माता अंधकार की प्रतीक है। जीवन में अंधकार भरे दिन भी आते हैं। कभी-कभी हम ठगी, धोखाधड़ी, साजिश का शिकार होते हैं। झूठ-फरेब से सुरक्षित रखने के लिए ईश्वर के प्रति कृतज्ञ रहें और विपरीत समय में भी सकारात्मक विचार लाने की कोशिश करें यही संदेश हमें काल रात्रि माता देती है। 8. महागौरी- शुचिता और शुद्धता की प्रतीक मंत्र महागौरी माता शुचिता और शुद्धता की प्रतीक है और उनसे हमें उचित तरीके से कमाई करने, खर्च करने या निवेश करने का संदेश मिलता है। हमें अपना टैक्स जरूर चुकाना चाहिए और ध्यान रखना कि कमाई अनैतिक ना हों। क्योंकि नैतिक कमाई घर में संपत्ति लाएगी जो पीढ़ियों तक रहेगी 9. सिद्धिदात्री- ज्ञान और सिद्धियों की प्रतीक मंत्र सिद्धिदात्री माता ज्ञान और सिद्धियों की प्रतीक है। हमें उनसे पर्सनल फाइनेंस के बारे में ज्ञान हासिल करना चाहिए। लोन, इंश्योरेंस, निवेश समेत पर्सनल फाइनेंस के सभी पहलुओं की जानकारी इकट्ठी करनी चाहिए। बिना पूरी जानकारी हासिल किए कोई वित्तीय फैसला नहीं लेना चाहिए और अफवाहों और सुनी-सुनाई बातों के आधार पर निवेश नहीं करना चाहिए।
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